Best love poem-यौवन
यौवन
बालि तेरी उमरिया गोरी मुझपे तो जादू है चलाये।
जुल्फ तेरी ऐसे लहराये जैसे काली बदरी छाये।
तेरे नैन में डुबा ऐसे सागर में दरिया छुप जाए।
कमर तेरी चलने से गोरी लचके तरु बयार को पाये।
गर्दन तेरी सुराही जैसी लिपटने को जी ललचाये।
तेरे वक्ष की कल्पना से ही भूधर भी शर्माता जाए।
जी भर के जो देख ले गोरी मुझपे सौ बोतल चढ़ जाए।
तेरे चाल पे ऐसे झुमु जैसे भौरा मकरंद को पाए।
नुतन बसन ओढ़े काया पे उसमे चार चाँद लगाए।
मैं रशिया पर निर्धन प्राणी, दर्पण तौ तुझसे शरमाये।
तेरे अधरों को चुमु मैं तो, मधुशाला फीका पर जाये।
तेरा रमणीय सुरा पीकर यौवन मेरा धन्य हो जाये।
बालि तेरी उमरिया गोरी मुझपे तो जादू है चलाये।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट, ग़ाज़ियाबाद
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