Best patriotic poem-एंकर
एंकर विदेशी चैनल देशी एंकर, मिलकर देश गवाया है। समाचार कहाँ पर खोया है। विचार कहाँ पर रोया है। बिकाऊ मिडिया बिकाऊ नेता । भाषण परोसने आया है। घर्मवाद और जातिवाद का, द्वेष परोशने आया है। अश्लीलता और नंगेपन का, रास रचाने आया है। सभ्यता हमारी लुटी गई, संस्कृति लुटने आया है। विदेशी चैनल देशी एंकर, मिलकर देश गवाया है। ...