Best Patriotic poem-अटल जी
अटल जी
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मुमुक्षु लिए हमें अटल जी,
तुम क्यों तनहा छोङ गए।
निष्पाप में एक कर दाता था,
अधिभार से तुम झकझोर गए।
तुम क्षम्य,अचारपुत कहलाते,
पर लाखों का दिल तोड़ गए।
हमारी साठ बरस की सेवा,
रक्तरंजित कर छोङ गए।
मरने से पहले अटल जी,
हमें आशातीत मरोड़ गए।
निश्चय ही तुम अच्छे थे,
दुरदर्शी,देशभक्त सच्चे थे।
निश्चय ही तुम अच्छे थे,
दुरदर्शी,देशभक्त सच्चे थे।
लिखना मेरी मजबूरी है,
क्योंकि रोटी बहुत जरुरी हैं।
अटल जी अटल रहे जीवन भर,
अटल सत्य से हार गए।
खुद का बुढ़ापा पेंशन से गुजारा,
हमरी पॉकेट क्यों झार गए।
बुढ़ी मेरी घरवाली थी,
क्यों उसकी रोटी तोङ गए।
पयोहारी साथी का बेटा था,
क्यों उसका दुध निचोङ गए।
तुम युग निर्माता बने रहे,
हमरी लाठी क्यों तोङ गए।
मुमुक्षु लिए हमें अटल जी,
तुम क्यों तनहा छोङ गए।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/गाजियाबाद
मुमुक्षु--मोक्ष की कामना
अचारपूत--शुद्ध आचरण करनेवाला
रक्तरंजित--खून से लथ-पथ
आशातीत--आशा से अधिक
पयोहारी--केवल दुध पीकर रहनेवाला
मुमुक्षु--मोक्ष की कामना
अचारपूत--शुद्ध आचरण करनेवाला
रक्तरंजित--खून से लथ-पथ
आशातीत--आशा से अधिक
पयोहारी--केवल दुध पीकर रहनेवाला
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