Best hindi poem- सच्ची बातें
सच्ची बातें
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भारतीय रेल की सच्ची बातें अपने सुर में गाता हूँ,
नींद न आये इसी लिए मैं आधी रोटी खाता हूँ।
आधी रोटी खाता हूँ,फिर भी रेल चलाता हूँ,
ढाई इंच की पटरी पे में सरपट भागा जाता हूँ।
बीबी, बच्चें, रिस्तो में मैं समय नहीं दे पाता हूँ।
समय पे मैं ना खाता हूँ, समय पे मैं ना सोता हूँ।
तुम्हे सुरक्षित पहुँचाने में, रातों की नींद गवाता हुँ।
भारतीय रेल की सच्ची बातें अपने सुर में गाता हूँ,
नींद न आये इसी लिए मैं आधी रोटी खाता हूँ।
रेल सेवा में कई बार मैं, इस कदर को जाता हुँ।
दिन, महीना,साल तो क्या मैं खुद को भूल ही जाता हूँ,
भारतीय रेल की सच्ची बातें अपने सुर में गाता हूँ।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
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