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Showing posts from September, 2018

Best hindi poem-तारे खो गए

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        तारे खो गए आ रही रश्मि की गाड़ी, पारिजात ने राह सजा दी। सविता ने तिमिर भगा दी। रात का राजा गुम हो गया, टिमटिमाते तारे खो गए। चिडिया चुनमुन चहकन लागे, उषा के बाद है दिनकर जागे। भौंरे अब मकरंद को आ गए। प्रकृति बिखेर रही है छ्टा, है चारों और उन्माद पड़ा। ऐसे में मुसाफिर जाग जरा, तन्द्रा को तु दूर भगा। धरती कह रही है पुकार, बेटा तुम जाओ न हार। वातावरण में चित्कार भरा, अब बचा न कोई गाँव हरा। सतपुड़ा है कंगाल खड़ा, निर्धन और निराश पड़ा। जंगल खो गया है अपनी शक्ल, हम निर्दय होकर काट चुके। अब एक नही कई जंगल। हम रहेगे अगर सोये सोये, हमरे पापों को कौन ढोये। हमने पेड़ो का नाश किया, जाने कैसा अभिशाप लिया। उसने हमको जो गरल दिया, फिर भी हमने ना सिख लिया। जब दाना पानी को तरसेंगे, फिर आगे किस पे बरसेंगे। चाहता है अपने बच्चें, रहे अगर सुखी सलामत। हर साल एक तरु गाड़ दो, मिट्टी में सही सलामत। बच्चें अपने दिर्घायु होंगे, रुक जाएगी आती कयामत।                     ...

Best Emotional poem- बढ़ती उम्र

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          बढ़ती उम्र          ********** अंधियारा से भय खाता हूँ,                  परछाई से डर जाता हूँ। कङी धुप में चलते-चलते,                  जीवन पथ पे बढ. जाता हूँ । जो बीता वो अच्छा बीता,                  आगे क्या मौसम पाता हूँ। दिन भर की भागा दोड़ी,                   स्वेद से जब में तर जाता हूँ। पेट का जब भुगोल बिगडता,                  सीधा वापिस घर आता हूँ। बाहर चाहे शेर बनू मैं,                   अपनों से ही भय खाता हूँ। ताकत की ये बात नही हैं,                   प्रेमपाश में पड़ जाता हूँ। प्रेम बिना निष्ठुर हैं जीवन,                   चिरंतन तुमसे कहता हूँ।...

Best Patriotic poem-प्लासी

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                        प्लासी  अंग्रेज यहाँ पर आये थे,बस करने को व्यपार। व्यपार तो एक बहाना था, करते थे अत्याचार। टुकङो में कई बिरासते ,नही था आपसी प्यार। फुट डालकर सत्ता पाते, मानव थे ये बेकार। जिसको इनका साथ मिलता था उसकी जय जय कार। बंगाल का नबाब सिराजुद्धोला को, नही था ये स्वीकार, शेर यहाँ भुखा सो जाए गिदर करे शिकार। नवाब की सेना सज्ज हो गई लड़ने को तैयार, अंग्रेजों के सैकडों सैनिक यहाँ थे कई हजार, कोई यहाँ अब कह नही सकता नवाब जाएगा हार। क्लाईव की एक रणनिति ने ऐसा किया प्रहार, शेर की गर्दन पे रख डाली गिदर ने तलवार, बिना लड़े ही सिराजु प्लासी को गए थे हार। सत्ता का वो लालची, था बहुत बड़ा गद्दार, मीरजाफर ने पा लिया था, सत्ता का अधिकार। कैद करके सिराजु का सर ,धड़ से दिया उतार। देश की हालत बदतर हो रही,कुछ तो करो विचार। हर नुक्कङ हर चौराहे पर,है मीरजाफर दो चार। आज अगर इस देश का युवा नहीं करता हैं विचार, कल हमें झेलना ही पड़ेगा,कटु शब्दों का वार, बुढ़ापे में नही मिलेगा आप को अपना प्यार, ...

Best emotional poem-पापा जी

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                          पापा जी                        ********* रेल चला कर जल्दी से तुम,घर आ जाना पापा जी, पिछली होली जैसे गुजिया, बाद में खाना पापा जी, दिन नया है साल नया है, पार्टी करेंगे पापा जी, होली के रंगों में रंगकर, सेल्फी लेंगे पापा जी। लॉबी से जब फोन है आते,झटपट तुम घर से चले जाते, असमय माता को जागते, हमें सुलाकर ड्यूटी जाते, मेरा आप की ड्यूटी से क्या, लेने देना पापा जी, छोटा सा मै छोटे मेरे सपने,तोड़ न देना पापा जी, एक दिन की छुट्टी ले लो,जन्मदिन मै पापा जी, लिजनिलैंड जो बोले थे,वो हमे घुमा दो पापा जी। रेल चलाकर जल्दी से तुम,घर आ जाना पापा जी, रक्षा बंधन आये तो,बुआ से मिलेगें पापा जी, दिवाली के दीप न तुम बिन,हमें सुहाता पापा जी, दुर्गा पूजा में आके, झूला झुलबाते पाप जी, बानो के घर मिलजुल कर के,ईद मानते पापा जी। दुनिया जब उत्सब मानते, तुम उसमें हो खुशियां पाते, तीज त्योहार तुम्हारे छुटे, सण्डे को भी ड्युटी जाते, लेकिन छ्ठ पुजा में आ...

Best patriotic poem-विकास के पापा

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   विकास के पापा पेट का भुगोल बिगड़ रहा है, बापू जी के देश में। उनके पोते भूखें सोते, नेताओं के द्वेष में। आपस में हम खूब लड़े है, जाति,धर्म के केस में। विकास के पापा घुम रहे है, हर दिन देश-विदेश में। नोटबंदी जब फेल हो गया, FDI से मेंल हो गया, पढ़ा लिखे पकोड़े बेचेगा पिज्जा,बर्गर सेल हो गया। आडवाणी जी गुरु थे पहले, अब तो केवल खेल हो गया। साँस लेने पे टेक्स लगेगा, आने वाले परिवेश में। पेट का भुगोल बिगड़ रहा है, बापू जी के देश में। विकास के पापा घुम रहे है, हर दिन देश-विदेश में। 15 लाख का जुमला वादा, नौकरी का युवा का इरादा, सपने तुमने दिखाये ज्यादा, फेकु से तुम फेके ज्यादा। लोगों को ऐसे भ्रमाये, सरकारी सब बेच के खाये। गौ रक्षा का तेरा कायदा, झुठा तेरा हर-एक वादा। रफाल घोटाला शेष में, गुलामी का पहला कदम है, अब कहना क्या संदेश में। ऐसे में बेसुध पड़े है, गुजरेगा बुढापा क्लेष में। पेट का भुगोल बिगड़ रहा है, गाँधी जी के देश में। विकास के पापा घुम रहे है, हर दिन देश-विदेश में।           ...

Best patriotic poem-गुलामी

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                        गुलामी स्वतंन्त्रोतर भी भारत में, मानसिक गुलामी जिन्दा है। यह देखके अमर शहीद मेरे, उस लोक में भी शर्मिदा है। सुखदेव,राजगुरू,भगत भुले, पर जनरल डायर जिन्दा है। कानून यहाँ की अंग्रेजी, शिक्षा,मिडिया भी धन्धा है। गौरो के नाम की सड़के हैं, आजाद,सुभाष चुनिन्दा है। विदेशी कम्पनियॉ हमें लुट रही, स्वदेशी बाँधे है पुलिंदा हैै। स्वतंन्त्रोतर भी भारत में, मानसिक गुलामी जिन्दा है। आजादी जो हमको है मिली, आजादी के नाम पे धंधा है। हर साख पे कोयल गाएगा, बहुज्ञ यहाँ का परिन्दा है। खादी-खाकी की जय होगी, पर देशप्रेम ही मंदा है। भारत वासी कर देते हैं, पर कर नेता का चंदा हैं। उस पुत ने लाज बचाई है, जो मर के ओढ़े तिरंगा है। स्वतंन्त्रोतर भी भारत में, मानसिक गुलामी जिन्दा है।                            अनिल कुमार मंडल                        लोको पायलट/गाजियाबाद  ...

Best patriotic poem-भारती रानी

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                 भारती रानी मैं अंग देश का वासी हूँ सूखेन शरण न जाऊँगा । अमृत को नाभि में रखकर अमर नहीं हो पाऊँगा। कैसा भी समय जीवन में आये, डरकर दूर न जाऊँगा। हाँ ,मृतयु अगर दक्षिणा मांगें, तो खुशी से सर कटबाउँगा। इतिहास हमारी बात को कहता,जो रहा कर्ण सी दानी का, गंगा के में तीर पे खेला,बाकी ऋण है पानी का। हमारे रक्त में बसा हुआ है,ज्ञान उस स्वमिमानी का, जिसके चोटी में बसता था, विद्वता भारती रानी का।                           अनिल कुमार मंडल                      लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद