Best hindi poem-लाचारी

             लाचारी

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भयाकुल यहाँ हर पिता हैं भइया
माता का भी वहीं रवैये।
बेटियां बिक रही बाजारों में,
तेरे साथी गद्दारों में।
दिन का शैब बने रात कसाई।
कोठे पे लाइन खड़ी हैं,
मयखाने में भीड़ हैं भाई।
बहुत हो गई जुमलेबाजी,
अब तो देश संभालो भाई।
बदमिजाज अपने साथी को,
पहले तुम निपटा लो भईया।
भयाकुल यहाँ हर पिता हैं भईया,
माता का भी वहीं रवैया।
मीडिया तेरा कायल हैं,
अबला इस देश का घायल हैं,
खंडिता यहाँ सदाचारी हैं,
मोदी की जय लाचारी हैं।

                  अनिल कुमार मंडल
              लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद

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