Best patriotic poem-समर
समर
समर शुरू अब करना होगा,देश के खातिर लड़ना होगा।
गलत दिशा में देश चल रहा, पथ कोई नया पकड़ना होगा।
समर शुरू अब करना होगा, देश के खातिर लड़ना होगा।
पश्चिम जैसी संस्कृति हो गई,दूर इसे अब करना होगा।
देश हमारा शिक्षा उनकी,गुरुकुल में अब पढना होगा।
जल अपना शीतल जल उसके,बोतल जल पी मरना होगा।
आर्यावर्त में सरिता रो रही,साफ इसे अब करना होगा।
समर शुरू अब करना होगा, देश के खातिर लड़ना होगा।
काला फिरंगी दिल्ली बैठा, वेपद इसको करना होगा।
सेना में जो सेवा देगा, उसको ही दिल्ली बढ़ना होगा।
गद्दारों को फाँसी दे दो, जुर्म नहीं अब सहना होगा।
भ्रष्टाचारी नेताओं को,जेल में घुट के मरना होगा।
समर शरू अब करना होगा देश के खातिर लड़ना होगा।
हर नारी दुर्गा हो जाये, कान्हा हर एक ग्वाला होगा।
शिक्षा सबको मिले बराबर, काम वहीं अब करना होगा।
विदेशी हमको लूट रहे हैं, बहिष्कार उसका भी करना होगा।
स्वदेशी घर-घर हो जाये, जन जागृति अब करना होगा।
समर शुरू अब करना होगा ,देश के खातिर लड़ना होगा।
जाहिरात ने जहर खिलाया, हर घर मैं हैं आग लगाया
भविष्य हमारा रहे सुरक्षित, संस्कृत को भी पढ़ना होगा।
शस्य से खुशहाली फैले, जैविक खेती करना होगा।
इंडिया से बाहर निकले,और भारत का रुख करना होगा।
समर शरू अब करना होगा, देश के खातिर लड़ना होगा।
शुद्ध आहार पाने के खातिर, गौ भक्षक से लड़ना होगा।
पंचभूत जो मैली हो गयी,महायज्ञ अब करना होगा।
कल पुर्जो के अनुचर हो गए, अपने में दम भरना होगा।
सदियों तक गुलाम रहे हम, अब तो आगे बढ़ना होगा
समर शुुरू अब करना होगा,देश के खातिर लड़ना होगा।
जाति धर्म का द्वेष नहीं हो, निरापद ऐसा कुछ करना होगा।
राजीव भाई के विचार को जन-जन में अब भरना होगा।
चिरंतन इतिहास हमारा, गौरव गाथा गढ़ना होगा।
अब तक थे गाँधी के देश मे,नेताजी को पढ़ना होगा।
समर शुरू अब करना होगा, देश के खातिर लड़ना होगा।
गलत दिशा में देश चल रहा ,पथ कोई नया पकड़ना होगा।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
Comments
Post a Comment