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Showing posts from January, 2019

Poem of love- तेरे बिना

                      तेेरे बिना तेरे बिना जीने की कल्पना,अब हैं निराधार प्रिय। मृगनयनों में मुझको भरकर,मत करना इनकार प्रिय। ज्येष्ठ माह में हुई थी शादी,बन गया अपना त्योहार प्रिय। दुनिया की नजरों में हो गया,तेरा मेरा प्यार प्रिय। तेरे बिना जीने की कल्पना,अब हैं निराधार प्रिय। ना तुम मेरी थी, न मैं तेरा था,बस दोनों थे लाचार प्रिय। समय ने हमकों ऐसा बाँधा,कैसे करूँ इजहार प्रिय। मैं तेरा,तुम मेरी हो गई,एक दूूजे को स्वीकार प्रिय। तेरा मेरा दो दुहिता का, अपना हैं संसार प्रिय। मेरे सांसो की डोरी पे,तेरा हैं अधिकार प्रिय तेरे बिना जीने की कल्पना,अब हैं निराधार प्रिय।                               अनिल कुमार मंडल                          लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद

Best hindi poem :-प्रकृति

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           प्रकृति  प्रकृति से अब मत खेलों तुम,  सुख चाहे जितना ले लो तुम। वरना एक दिन पछ्ताओगे,  फिर अश्रु कहाँ बहाओगे। निर्जल अगर ये धरा हो गई , फिर बचेगा यहाँ नहीं कोई। नीचे जलस्तर चला गया,  सिन्धु की तट को बढ़ा गया। हैं ध्रुव पे बर्फ पिघलने को,  सभ्यता हैं तैयार खड़ा, उस बर्फ की आग में जलने को। कानन का हमनें नाश किया, फैक्टरियों का शिलान्यास किया। जंगल से पाते शुद्ध हवा, कन्द-मूल के संग पाते थे दवा। फैक्टरियां घोलती हैं हवा में जहर, अब शुद्ध खाना भी हुआ दुर्भर। जीवन हैं वैद्धो पर निर्भर। प्रकृति ने हमसे कई बार कहाँ, उत्तराखंड में भी संदेश गढ़ा, फिर भी हमनें न सिख लिया। अब बहुत हो चुका छोड़ो तुम, प्रकृति से नाता जोड़ो तुम, अब तो नीर बचा लो तुम, हरियाली थोड़ी बढ़ा लो तुम, बच्चों की उमर बढ़ा लो तुम। पर एक बात का ध्यान रहे, प्राकृति से अब मत खेलों तुम सुख चाहे जितना ले लो तुम।                             अनिल कुमार मंडल ...

Best hindi poem-कमेटी भल्ला

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    कमेटी भल्ला     *********** दिन रात पटरी पे घूम-घूम, हर जगह का पानी चुम-चुम  सह धूप-स्वेद पत्थर पानी, हो गए हैं,हम कुछ अभिमानी। मौसम की थपेड़ों को सहकर, हम आये हें,कुछ और निखर। जब हिना सहती पत्थर प्रहार, बनती हैं हाथों का श्रृंगार। चालक न सब दिन सोता हैं, हक के लिए क्रोधित होता हैं। दो न्याय कमेटी भल्ला दो, इसमें भी कोई दल्ला हो, इतना तो दो न हल्ला हो। हम वही सुखी से खाएंगे, सुरक्षित रेल चलाएगें। रेलवे हमको ये दे ना रही, आशीष हमारी ले ना रही। तो लो मैंने भी छोड़ दिया , अपने हठ से मुख मोड़ लिया। अब याचना नहीं निर्णय होगा, अपने हक में ये तय होगा। जब रेल खड़ी हो जायेगी हर बाधा दुर भगाएगी। यात्री करेंगे ,चीख-पुकार, रेलवे हो जिसका जिम्मेदार। Rac 80 का किलोमीटर होगा, इसमें न कोई चीटर होगा। जो देगा होगा भाई ज्येष्ठ, हम माने उसको परम श्रेष्ठ। हुम् गीत खुशी के गाएंगे, तन मन से रेल चलाएंगे।             अनिल कुमार मंडल       ...

Best hindi poem:-भारतीय रेल

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      भारतीय रेल             ************ दौड़ाता चला मैं,भगाता चला मैं, भारतीय रेल को लहराता चला मैं। चढ़ा इंजिन पे मैं बखूबी निहारा, हेड लाइट भी देखी प्रेशर भी देखा, जरूरत पे गाड़ी बढ़ाके भी देखा। सिग्नल एक्सचेज करके फिर सीटी बजाई, धिमें-धिमें गाड़ी बढ़ाता चला मैं, स्टार्टर पार करके जब एडवान्स आया, हरा देख नाँच लगाता चला मैं। स्पीड जब चालीसा पहुँचा तो मैंने, गाड़ी में ब्रेक लगाके भी देखा। सी/फा वोर्ड आया तो सीटी बजाई लगातार सीटी बजाता चला मैं। दुर्घटनाएं भी रोकी,नुकसान भी रोका, अपना कर्म निभाता चला मैं। दौड़ाता चला मैं भगाता चला मैं, भारतीय रेल को लहराता चला मैं। नाले, नहर क्या और खेतों शहर क्या, सभी से करीबी मिटाता चला मैं। मंदिर भी आयी,मस्जिद भी आया अपना धर्म भूूलाता चला मैं। सभी पथिक को बिना भेद-भाव, अपनी अपनी मंजिल पहुँचाता चला मैं। ना मेरा कोई जाति,न मेंंरा हैं मजहब, मधुशाले सा फर्ज निभाता चला मैं। दीवाली भी आई, मुहर्रम भी आया बैसाखी का मंजर भुलाता चला मैं। दौड़ाता च...

Best Patriotic poem-साठ बर्ष की सेवा

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             साठ बर्ष की सेवा              ****************              साठ बर्ष की सेवा देकर ,            वीर कुँवर सिंह बनना होगा।             गैरों से हमें नहीं हैं शिकवा,              अपनों से ही लड़ना होगा।             NOTA का प्रयोग करें तो,              नेता जी को डरना होगा।             आश्वाशन से काम ना चले,               OPS ही गढ़ना होगा।              साठ बर्ष की सेवा देकर            वीर कुँवर सिंह बनना होगा।             नेता जी छोड़ो जुमलेबाजी,              जन मानस को पढ़ना होगा।     ...