Best Patriotic poem-साठ बर्ष की सेवा
साठ बर्ष की सेवा
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साठ बर्ष की सेवा देकर ,
वीर कुँवर सिंह बनना होगा।
गैरों से हमें नहीं हैं शिकवा,
अपनों से ही लड़ना होगा।
NOTA का प्रयोग करें तो,
नेता जी को डरना होगा।
आश्वाशन से काम ना चले,
OPS ही गढ़ना होगा।
साठ बर्ष की सेवा देकर
वीर कुँवर सिंह बनना होगा।
नेता जी छोड़ो जुमलेबाजी,
जन मानस को पढ़ना होगा।
OPS जो नहीं मिलेगी,
NOTA में दम भरना होगा।
संसद के हर दीवारों को
एक मंत्र ही पढ़ना होगा।
NPS जो वापिस ले,
दिल्ली उसको ही बढ़ना होगा।
बहुत हो गई चिठ्ठी, पत्री,
समर शरू अब करना होगा।
साठ बर्ष की सेवा देकर,
वीर कुँवर सिंह बनना होगा।
लोकतंत्र का जर्रा गाये,
OPS अब देना होगा।
हम ऐसे हालात बनाये,
नेतागण को डरना होगा।
सीधे से जो नहीं मिले,
अंगुली टेढ़ा भी करना होगा।
जीर्ण शरीर में हमको फिर से,
नया रक्त अब भरना होगा।
साठ बर्ष की सेवा देकर,
वीर कुँवर सिंह बनना होगा।
इससे भी जो बात न बने,
दो-दो हाथ भी करना होगा।
भूखे मरने से अच्छा हैं,
लड़कर के ही मरना होगा।
लाठी अपनी छीन चुकी हैं,
हर हालात में बढ़ना होगा।
OPS बलिदान माँगती,
हँस के वो भी करना होगा।
साठ बर्ष की सेवा देकर,
खुद में भी दम भरना होगा।
जीर्ण शरीर को लिये हथेली,
सूली पे भी चढ़ना होगा।
साठ बर्ष की सेवा देकर,
वीर कुँवर सिंह बनना होगा।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/गाजियाबाद
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