Best Patriotic poem- आतंक की बलि

  आतंक की बलि

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भारत माता के चरणों में, 
आतंक की बलि चढ़ाएंगे,
भोले का त्रिशूल पकड़ हम,
शंखनाद कर जाएंगे।
आतंकवाद के आक को,
हम रौद्र रूप दिखलाएंगे।
पीठों पे गोली मारी हैं,
सीना छल्ली कर जाएंगे।
आतंक की बोटी- बोटी से,
कुत्तों की भुख मिटाएंगे।
चौधरी कोई बीच में आये,
अब नही सहने पाएंगे।
चीन, अमेरिका दुर रहे,
हम खुद इसको निपटाएंगे।
भारत माता के चरणों में,
आतंक की बलि चढ़ाएगे।

वीरों की माता के आँसू ,
अब वियर्थ नहीं यू जाएंगे।
जिन्दा कोई पकड़ाएगा,
चौराहे पर टाँगा जाएगा।
ऐसी उसकी मौत लिखेंगे
दुश्मन भी थरायेगे।
विधवा की सिन्दूर कॊ हम,
इतिहास में अमर कराएगे।
वीर शिवाजी के पोते हैं,
खाक में उसे मिलाएंगे।
मौर्य बंश,राणा की धरती,
जिल्लत, में जी नही पाएंगे।
भारत माता के चरणों में,
आतंक की बलि चढाएगें।

हम सहते हैं, डरपोक नही,
हम पाक का भ्रम मिटायेंगे।
भारत के वीर सिपाही जब,
लाहौर में जश्न मनाएंगे।
इस्लामाबाद की धरती पर,
हम बंदे मातरम गाएंगे।
ये भीख पे पलने वाले हैं,
हमको क्या आँख दिखाएगें।
हम पान खाकर, जो थूक भी दे,
ये मिट्टी में मिल जाएंगे।
हम शु-शु अगर बहा दे तो,
ढूंढें नही मिलने पाएंगे।
भारत माता के चरणों में,
आतंक की बलि चढएँगे।

                 अनिल कुमार मंडल
           लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद


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