Best hindi poem:-चुनाव के दिन
चुनाव के दिन
जब से चुनाव के दिन करीब आने लगे।
नेता जी ,जनता को, बहकाने लगे।
घर-घर बिजली होगी, सड़के भी बनेंगे,
हाथ जोड़ ,पैदल चल, बताने लगे।
जब से चुनाव के दिन करीब आने लगे।
बेरोजगारी की दौड़ में युवा भी चल दिये,
नेता जी ,उनसे चमचागिरी,कराने लगे।
जब से चुनाव के दिन करीब आने लगे।
शाम-दाम दंड भेद की चाल गये,
शाम-दाम दंड भेद की चाल गये,
हर तरह के वादों से लुभाने लगे।
जब से चुनाव के दिन करीब आने लगे।
मौलवी और पंडितो की बहार आ गई,
टी वी डिबेट में जोर से ,चिल्लाने लगे।
एक दुजे के खून के, प्यासे ये हो गए,
एंकर भी ऐसे दृश्य से ,घबराने लगे।
जब से चुनाव के दिन करीब आने लगे।
दर्शक भी बढ़ गए, चैनल भी चल पड़ा,
मौलवी जी, पंडित के घर खाने चले,
जब से चुनाव के दिन करीब आने लगे।
नेता जी ने फोन पर, शाबाशी दी उन्हें,
अगले चुनाव की टिकट पे, तुम छाने लगे।
जब से चुनाव के दिन करीब आने लगे।
नेता जी, चुनाव हार गये, कोई गम न था,
राजनीति से ज्यादा ,चैनल चमकाने लगे,
जब से चुनाव के दिन, करीब आने लगे।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
Comments
Post a Comment