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Showing posts from April, 2019

Best hindi poem:-शायरी संग्रह

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1*  फूलों पे शबनम क्या गिरी, माली ने उसको धो दिये।       जम्हूरियत के सरदारों ने उनको पकडकर धो दिये।        रोटी की ख्वाईश में जो घर से निकल कर आये थे,        जाति, धरम की नीति ने, नफरत के बीज बो दिये।                                                 अनिल कुमार मंडल                                     लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद 2*भारत में चंद घरानों ने, जनतंत्र को ही झकझोर दिया,  दिल्ली पे बिजली क्या गिरी, आदिल ने चहकना छोङ दिया।                                              अनिल कुमार मंडल                         ...

Poem of love:-मसला

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                          मसला                            ^^^^^^^ साला को नालायक कहने का,मसला ने ऑग लगाया था।         पूस की ठंढ़ी रातों में बीबी ने देर से खाया था।       तन्हाई में सोना तय हुआ,नोंक झोंक कर आया था।        त्रियमा तक जगा रहा, सर्दी ने सितम वो ढाया था।      करबट बदले चादर में सिकुड़े, पाँव नही गरमाया था।          जाने कैसा वक़्त फिरा, बीबी से जा टकराया था।            मति मेरी मारी गई,पानी में आग लगाया था।         भगवान राम की याद आई,माता ने मृग मंगाया था।          महाभारत में पांचाली ने,कौरव का नाश कराया था।         हम मानव की क्या बिसात, देवों ने शीश झुकाया था।           सर्दी ने मुझको हिला दिया,घर बैठे...

Best hindi poem:-पूर्ण विश्राम

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   पूर्ण विश्राम  ************ पूर्ण विश्राम करगे भाई, फिर हम रेल चलायेगे। हर टेंशन को घर में रखेंगे, लॉबी तक नहीं लायेंगे। ऑन ड्यूटी करने से पहले, सर्कुलर हम दोहराएंगे। नई अगर कोई बात लिखी हो, हस्ताक्षर कर, समझते जायेंगे। नशा मुक्त परिचालन हो, ब्रीथ एनालाइजर करते जाएंगे। सुरक्षित रेल चलाने को, जो भी हो करते जायेंगे। सब से दुआ सलाम करते हुए, इंजन तक हम जायेंगे। हर टेंशन को घर मे रखकर, हम तो रेल चलाएंगे। गति प्रतिबंध जहाँ भी आये, उस गति से रेल चलाएंगे। संकेतक का विशेष ध्यान कर, हम तो रेल चलाएंगे। गोलाई, फाटक ,भीड़ भार में, सिटी भी बजाते जायेंगे। स्टेशन से गुजरेंगे तो, सिग्नल एक्सचेंज कराएगे। जान माल की हानि दिखे तो, तत्पर ब्रेक लगाएगें। पूर्ण विश्राम करगे भाई, फिर हम रेल चलाएंगे। हर टेंशन को घर में रखकर, नौकरी पे हम आएंगे। यात्रीगण की बातें सुन, उससे न भिड़ने जाएंगे। ऊंच नीच हर वाणी सुन, संयम से रेल चलाएंगे। एक अडिग उद्देश्य है अपना, सुरक्षित रेल चलाएंगे। सहायक संग ऊंची आवाज में, सिग्नल का रं...

Best patriotic poem:-धर्म बता दे

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        धर्म बता  दे     हमारा कोई धर्म बता दे,     हम भी शोर मचाता हैं।    हिन्दु हो या मुसलमान हो,       सबको घर पहुँचाते हैं।     भारतीय रेल के चालक हैं    हम खुब ही सीटी बजाता हैं।   भारतीय रेल की रीढ़ की हड्डी,       हम तो समझे जाते हैं।       मेरा कोई धर्म बता दे,      हम भी शोर मचाते हैं।    मंदिर का चोंगा जब बोला,      मुसलमान डर जाते हैं।    मस्जिद में आजान पड़ी तो,      हिन्दु भी भय खाते हैं।    राम-रहीम की वाणी सुन,    हम खून की नदी बहाते हैं।       मेरा कोई धर्म बता दे,       हम भी शोर मचाते हैं।       गोरों ने हमको तोड़ा हैं,     ये बात समझ नहीं पाते हैं।       सत्ता मद में डुबे नेता,        वहीं राग दुहराते हैं।     ...