Best hindi poem- बापू

                    बापू

बापू मेरा मूूर्तिकार हैं, मैं उसका पाषाण पड़ा,
मुझको ऐसा रूप दे बापू ,बन जाऊ इंसान बड़ा।
मातृभुमि के लिए समर्पित जीवन हो कुर्बान मेरा,
मुझको ऐसा रूप दे बापू हो जाए गुणगान तेरा।

बापू मेरा एक चमार हैं, मैं चमड़ा कच्चा हूँ पड़ा,
मुझको ऐसा रूप दे बापू,बन जाऊं इंसान बड़ा।
देशभक्त का चरण पखारु, सदा रखूं उनको मैं खड़ा,
पग मैं डगमग होने न दू ,देशहित हो काम मेरा।

बापू मेरा एक बंसोड़ हैं, मैं हूँ कच्चा बांस हरा,
मुझको ऐसा रूप दे बापू, बन जाऊं इंसान बड़ा।
देशभक्त का छत्र बनु मैं ईप्सा हो उससे भी बड़ा,
मेरे नाम से पहले बापू, हो जाए गुणगान तेरा।

बापू मेरा एक कुम्हार हैं, मैं उनका कच्चा सा घड़ा,
मुझको ऐसा रूप दे बापू, बन जाऊं इंसान बड़ा।
जीवन पथ पर चले मुसाफिर थककर जो भी चूर हुए,
उनकी प्यास बुझाउगा जो,देश लिए हो साथ खड़ा।

तेरी हर हसरत हो पूरी पर मेरी दाता से दुआ,
तिरंगें का कफन हो अपना, पर उसपे हो नाम तेरा,
मेरे नाम से पहले बापू हो जाए गुणगान तेरा,
मुझको ऐसा रुप दे बापू, बन जाऊं इंसान बड़ा।

                                     अनिल कुमार मंडल
                               लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद

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