Best hindi poem:- चिंगारी

                   चिंगारी

तलवारों में जंग लग गई, कलम की हो रही हार,
मैकॉले की शिक्षा ने बिगाड़ा घर,परिवार।

देशभक्तों का दमन हुआऔर मंदा हुआ व्यापार,
गद्दारों का साथ मिला, लोकतंत्र की हैं ये हार। 
        
दिल्ली में जो बैठेे हैै ,ये हैै कैसी सरकार,
कलम कभी पैदा करती थी, सीने में अंगार।

कलम यहां जब आग उगलते, हर्फ़ बनती चिंगारी,
देश का युवा जग उठता था, नर हो चाहे नारी।

आज कलम कहानी लिखती, वहीं गुलामीवाली,
मीडिया का तड़का भी लगता, हमें लड़ानेवाली।

वही व्य्वस्था लानी होगी, अपनी गुरुकुल वाली,
हर युवा में धधक उठे, फिर शांत पड़ी चिंगारी।

भारत देश की हर एक, समस्या, वही शिष्य हरेंगे
इंडिया से बाहर निकले जो,गुरुकुल में जाके पढ़ेंगे।

भारत फिर जग में चमके, बस अलख जगाना होगा, 
हर बालक अब चंद्र बने, चाणक्य को आना होगा।

                                    अनिल कुमार मंडल
                              लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
                                                                    
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