Best hindi poem:-मिट्टी का इंसान

               मिट्टी का इंसान

पत्थर का नित्य महल हैं गढ़ता मिट्टी का इंसान,
नीले गगन के नीचे बसने वाले सुन नादान।
हाथ पसार के आने वाले मत बनना पाषाण।
कुछ तो साथ मे लेता जा भारत के पुत्र महान।
किसको अपना कहता हैं,है कौन तेरी संतान।
माया मोह में उलझ गया हैं, खुद को तो पहचान।
हंसा के उड़ते ही तुझको कहेंगे मृत जवान।
घर से तुझको बाहर करके रखेंगे दालान।
भाई रोये, वनिता रोये, रोयेगी माता महान।
ललना मेरे छोड़ चले हैं, जाने कौन जहांन।
अपने चार ही कंधा देकर पहुँचाये शमशान।
तेरा दौलत छीन के एक दिन दे अग्नि स्नान।
खुद को ये पवित्र करेंगे तेरा कर पिण्डदान।
अंतक के आने से पहले खुद में भर ले प्राण
नीले गगन के नीचे बसने वाले सुन नादान।
अपने लिए तो सारे जीते ,तू बन वो इंसान।
गैरतमंद को दे सकता हैं तू रोटी का दान।
मातृभूमि के लिये समर्पित जीवन हो कुर्बान।
भारतमाता की सेवा में निकले ये तन से प्राण।
 स्वर्णिम अक्षर में लिख जाये तेरा ये बलिदान।
तिरंगे का कफन हो तेरा, तू भारत की शान।
ईश्वर तुझको शक्ति दे तु बने वो पुत्र महान।
आने वाली पीढ़ी कर ले नित्य तेरा गुणगान।
बच्चों का तू पथप्रदर्शक युवाओं की आन।
भगत सिंह की राह पकड़ ले सच हैं जानी जान।
नीले गगन के नीचे बसने वाले सुन नादान।
पत्थर का नित्य महल हैं गढ़ता मिट्टी का इंसान।

                                     अनिल कुमार मंडल
                                लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
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