Best patriotic poem Rajivdixit (राजीव भाई)

             राजीव भाई

हमें जगाकर खुद ही सो गए अदभुत थे इंसान,
स्वदेशी के प्रखर प्रवक्ता, आन वान और शान
की बोलो राजीव भाई महान,की बोलो राजीव भाई महान।

पलक भीगो ले या फिर गा ले,ओज भरा कोई गान,
30 नवंबर की दुविधा में उलझा सकल जहांन ।
की जय -जय राजीव भाई महान,की बोली राजीव भाई महान।

राधेश्याम जी के आंगन खेले, खुद आकर भगवान,
नाह ने सोहर गये थे,माता मिथिलेश की जान।
की जय -जय भारत पुत्र महान,की बोलो राजीव भाई महान।

अलीगढ़ में पैदा हुए पर लंबी छेड़ी तान,
स्वदेशी के प्रखर प्रवक्ता आन बान और शान।
की बोलो राजीव भाई महान की बोलो राजीव भाई महान।

मुख से इनके शब्द जो निकले वो थे अमृत ज्ञान,
भगत सिंह के लघु जीवन से सिखलाये सम्मान ।
की बोलो राजीव भाई महान की जय-जय राजीव भाई महान।

कोई यहाँ न अजर अमर हैं,सबकी जाए जान,
देशद्रोही बे मौत ही मरते, जब रखते प्रमाण।
की जय-जय भारत भक्त महान की बोलो राजीव भाई महान।

रोम-रोम में जिसके बसा कौटिल्य का था स्वाभिमान,
हमें जगाकर खुद ही सो गये, अदभुत थे इंसान।
कि बोलो राजीव भाई महान, की जय-जय राजीव भाई महान।

हम भारत के नवनिर्माता,हमसे हो देश महान,
उनकी बात का अमल करें, बने नुतन हिंदुस्तान।
की जय-जय गौ माता की शान, मेरे राजीव भाई महान।

वो तो थे बैकुंठ निवासी मुझमें भर गये प्राण,
वो थे कोई दिव्य आत्मा, हम मुरख नादान ।
की बोलो राजीव भाई महान, की जय-जय भारत पुत्र महान।

हमें जगाकर खुद ही सो गए अदभुत थे इंसान,
पलक भीगो ले या फिर गये, ओज भरा कोई गान।
30 नवंबर की दुविधा में गाये कैसी गान की बोलो राजीव 
भाई महान, की जय-जय मिथिलेश पुत्र महान।

                                          अनिल कुमार मंडल
                                     लोको पायलट/ ग़ाज़ियाबाद
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