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Showing posts from September, 2019

Best hindi poem- Rothschild

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         Rothschild  कागज के छोटे टुकड़ो में, ताकत अद्धभूत दे डाली थी। *Rosthchild की करनी ने, बैंको की नींव दे डाली थी। बरसों पहले Rosthchild ने, धारक को ऐसा वचन दिया, ऐसा लगा था लोगों को, दिल से उसने एक *सचन दिया। बैंको के अब तो मायाजाल का, पूरी दुनिया को घेरा हैं। Rosthchild के वंशज का, अब भी बैंकों पे डेरा हैं। हमसब उनके अनुचर बन, केवल सेवा दे पाते हैं। सुबह को घर से जाते हैं, और देर शाम तक आते हैं। बैंक के हम कर्मठ कर्मचारी, सेवा में ऐसे खोये हैं। गैरो को हम नोट बांटते, खुद रोटी को रोये हैं। संचार क्रांति की दुनिया में,  हम स्वास्थ भी अपनी गवांते हैं, A c केबिन में बैठ के हम, यंत्रों से नैन लड़ाते हैं। कमर,पीठ सब एक हो जाती, क्या खोते,क्या पाते हैं। सारी उमर की सेवा देकर, थोड़ा सा अर्थ बचाते हैं। संचय किया हुआ सारा धन, वेद्यौ को हम दे आते हैं। उससे जो थोड़ा बचता हैं, वो बच्चे हर ले जाते हैं। चरित्र हमारा हनन हुआ, जब से हम अर्थ में उलझे हैं। Rosthchild की अद्धभुत दु...

Best patriotic poem:-हिमशिखर

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     हिमशिखर हे! हिमशिखर पर चढ़ने वाले, मित्र मुझे एक बात बता । कहाँ से तुमने वीरता पाई, कहाँ मिला,ऐसी जज्बात बता। दुर्गम पथ जो तुमने रौंदा, मैं उसको सुन कांप गया। कहाँ से तुमने डर जीता, डर को जो डरा दे बात बता। हे!हिमशिखर पर चढ़ने वाले, मित्र मुझे एक बात बता। बर्फ के दर्रे, ठण्ड हवाएं, बर्फीली बरसात बता। हिमखंडों का यु ही फिसलना, कैसे बीती थी रात बता। तेरे विजय की गाथा का, लोगों से मैं गुणगान करू। हे!वीर पुत्र तुम भारत के, मैं कहाँ करू शुरुआत बता। मौत से खेले आंखमिचौली, पर्वतीय हालात बता। कैसे तुम खाते-पीते थे, बर्फीली हर त्रास बता। मौत को तुम तो मात दे आये, कुछ हुआ तो वो आघात बता। तेरा मेहनत, तेरा हौसला, ईश्वर की सौगात बता। हे!हिमशिखर पर चढ़ने वाले, मित्र मुझे एक बात बता।                                   प्रेरणाश्रोत :-    मेरे द्वारा लिखी गई ये कविता मेरे देशभक्त  मित्र जय प्रकाश के लिये लिखा हैं, जिसने अभी कुछ दिनों पहले mt ev...

Best hindi poem-रनिंग

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                   रनिंग                  ######### लोहा अगर लोहा को काटे, ये नई कोई बात नहीं, रनिंग का साथी रनिंग को काटे, उसकी ये औकात नही। अपने दिन वो भुल जाते हैं, दफ्तर में लग जाने पर, किलोमीटर, घंटे काटे लाख इसे समझाने पर। रेल के बनते पक्के सेवक,लेकिन रेल पे भारी हैं, इनके करनी की सजा बच्चों पे ही पड़ नी है। इनको हमेशा भ्रम हैं रहता, इसके बिना न चलती रेल, आना जाना लगा ही रहता,ये तो हैं जीवन का खेल। कुछ लोगों के जाने से रुक जाना रेल का काम नहीं, जितना जो मेहनत करता, क्या पाता उतना दाम नहीं। रनिंग के हक के पैसे पे नजर कड़ी करने वाले, इतिहास तुम्हारे सामने हैं, नियत ऐसी धरने वाले। मेहनत का पैसा ये हमारा, गैरों के काम न आयेगा, जो रनिंग से धोखा करता, कही चैन नहीं पायेगा। यहाँ तो वे सफाई देते, क्या लेकर ऊपर जाएगा, सेवानिवृति के बाद अगर लॉबी पे घुमने आयेगा। नए लोगों की बातें सुनकर, अनसुना कर जायेगा। रेल के ऐसे कामचोरों को,कोई न चाय पिलायेगा।...

Best hindi poem Shopping complex:-The मॉल

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               The मॉल                 ********** आज हम भारतवासी पश्चिम की नकल करते-करते न तो हम पश्चिम के रहे ना ही अपनी खुद की संस्कृति बचा पा रहे है, जिसका फायदा इन विदेशी कंपनियों को होता हैं, ये विदेशी कंपनियां हमें बड़े सहज तरीके से मुर्ख बनाती हैं और हर दिन हम इसके जाल में उलझते जा रहे हैं।                                               आज मैं आपको विदेशी कंपनियां द्वारा स्थापित मॉल और शॉपिंग काम्प्लेक्स की कुछ अहम बातें बताना चाहता हूँ।शायद ये आपको पहले से पता हो लेकिन उसे अपने तक सिमित रखकर आप समाज को जागृत नही कर रहे हैं तो आपकी जानकारी व्यर्थ है,भारतीय समाज मे बस ज्ञान ही वो दौलत हैं जो बाँटने से बढ़ती हैं अतः अगर आपके पास कोई जानकारी हैं जो हमारे समाज के हित में हैं तो उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाये जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें।         ...

Best patriotic poem:-बिन बियाहे दामाद ,रोटी का हो जुगाड़

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                बिन बियाहे दामाद वीर पुत्र से भरी धरा थी, जब गुरूकुल था हर राज्य में। आज यहाँ हर युवा फस गया,पश्चिम से आई नाद में। बेटियाँ यहाँ की हर दिन लुटती,पुरुषों के जज़्बात में, देश की जनता आँसू पी रही सरकारी फरियाद में। मिलावट हमारे रक्त में घोला,रसायन मिला के खाद में, विचारों पे पाबंदी लगा दी, जियो दे हर हाथ में। पढ़ा-लिखा हर युवा उलझा, पाटी वाद-विवाद में, राजनीति में ग्रहण लगा हैं, आजादी के बाद में। हर दिन देश का सौदा होता अंग्रेजी संवाद में, केसे कोई कमी निकाले, बिन बियाहे दामाद में। इतिहास उनका भी लिखा जाये,करने भारत बर्बाद में, नेताओं ने देश डुबो दी समझौते के गाद में।                                           अनिल कुमार मंडल                                      लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद       ...