Best hindi poem :- दीवाली
दीवाली अबकी दिवाली ऐसे मनाये, रुपये में न आग लगाएं। मिट्टी के हम दीये जलाये, चाइनीज़ कुछ न घर में लाएं ऐसा जो हम काम करेंगे, निर्धन के घर खुशियां लाये। उनके दिल से निकली दुआएं, सीधा ही बैकुंठ को जाये। देशहित में बने सहायक, हम क्यों देश को बेच के खाये। ऐसा काम करेंगे नराधम, अपना क्यों हम नाम लिखाये। पुनः आरजू तुमसे भाई, मिट्टी के ही दीये जलाये। बेशक दीये चार जलाना लेकिन घी ही बने सहाय। प्राणवायु को शुद्ध करें ये कई रोगों को देते भगाये कुछ लोगों की साजिश हैं ईशवर का फोटो बम में लगाये। हम मुरख,अज्ञानी हिन्दू, उसी फोटो में आग लगाये। लक्ष्मी जी की पुजा करते, लक्ष्मी बम में आग लगाये। अबकी दीवाली ऐसे मनाये, निर्धन के घर खुशियां लाये चीनी मुर्ति, चीनी लारियां, चीनी घर मे खुशियां लाये। अपने घर का दोहन करके, उनके घर न धन बरसाये स्वदेशी त्यौहार हमारा, स्वदेशी सब कुछ अपनाये। अबकी दीवाली ऐसे मनाये, माँ लक्ष्मी को घर पे बुलाये। ...