Best hindi poem:-Gate करार

                       करार

     विश्व युद्ध की गजब तबाही से पश्चिम बर्बाद हुआ,
तभी तो जाकर GATE करार का पश्चिम में आगाज हुआ।
भारत रहा सदस्य GATE का जबसे इसकी शुरुआत हुई,
       बहुपक्षीय सन्धि में भी पश्चिम की सौगात हुई।
    गोरों के हित के नियम बने जबसे डंकन प्रधान बने,
  भारत का जिसमें शौषण हैं, पश्चिम सारे जजमान बने।
राजनीतिक संप्रुभता खो दिये, फिर भी हम गेट में उलझें हैं,
  भारत के नेता बिके हुए, दिखता नहीं एक भी सुलझे हैं।
   पश्चिम से गुलामी आ रही, कितनों को समझाये हम,
   गेट करार की तिखी वाणी, लोगों तक पहुँचाये हम।
राजीवभाई ने सौगंध ये ली थी, गेट करार हटाने को,
      गद्दारों ने उन्हें हटा दी चुपड़ी रोटी खाने को।
   पश्चिम ने तब-तब जंग लड़े, जब-जब वहाँ मंदी आई है,
     मानवता का संहार किया फिर मंदी दूर भगाई  हैं।

                                    अनिल कुमार मंडल
                              लोको पायलट/ ग़ाज़ियाबाद
                                संपर्क सूत्र:-9205028055

                       एकलव्य बनु
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राजीवभाई गुरुद्रोण हैं मेरे, मैं उनका एकलव्य बनु,
मातृभुमि की सेवा कर मैं वीर पुत्र और सभ्य बनु।
सुबह सबेरे जग कर के वारि का मैं तो पान करू,
जैसा वो हमको बतला गए वैसा ही जलपान करू।
एल्युमिनिय घर से मैं निकालूँ, मिट्टी का सम्मान करू,
मिट्टी को मैं होंठ लगा, मटके का पानी पान करू।
स्वदेशी की राह पकड़कर शिष्य मैं उनका सभ्य बनु,
राजीवभाई गुरुद्रोण हैं मेरे मैं उनका एकलव्य बनु।

                                  अनिल कुमार मंडल
                             लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
                               संपर्क सूत्र:-9205028055
                                                                    
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