Poem of love:-अनमोल सफर
अनमोल सफर *-*-*-*-*-*-*-*-* बेशक दुनिया बैरी हो गई, तेरा मुझको हाथ चाहिए। जीवन के अनमोल सफर में, प्रियतम तेरा साथ चाहिए। आँचल में दुबकाकर जिसको,ममता का दो घुट दिया। कुछ तो कमी रही होगी जो, निश्छल उर को कूट दिया। गीला बिस्तर खुद सो कर, सुखे पे जिसे सुलाया था। पालने में झुनझुना टांग,लोरी गाकर बहलाया था। होशली तक गिरबी रख डाली, शिक्षा जिसे दिलाने में। जो भी कहता पूूरी करती, कमी न रखी खाने में। प्रेम डगर में बहुत हैं खोया, तुझसे हर जज्बात चाहिए। जीवन के अनमोल सफर में, प्रियतम तेरा साथ चाहिए। घंटों धुप में बदन जलाकर, हमनें जिसको सींचा था। चुनरी से बयार चली,फिर ममता से मुख भीचा था। दाँत का रस घोटा था तुमनें, तब बच्चें जवान हुऐ। जीवन की हर खुशियों बांटी, फिर कैसे नादान हुऐ। भुख भी अब तो डरा रहा, लाठी ने राह दिखाया हैं। जठराग्नि मंदी हो गई, तुझसे हर जज्बात चाहिए। बेशक दुनिया बैरी हो गई, तेरा मुझको हाथ चाहिए। ...