Best patriotic poem :- युवा जागरण

                 युवा जागरण

देश में अबकी पहली क्रांति,युवा जागरण होने दो।
बजा रहे जो चैन की बंशी, उनकों हमें जगाने दो।
चरखे से न आई आजादी,खू से सींचा ये बताने दो।
गोरों ने हमकों सत्ता दी, हमनें न ली ये सिखाने दो।
लंदन से कानून था आया, हिन्द,पाक हो जाने दो।
तथाकथित आजादी दी थी ,पूर्ण स्वराज तो लाने दो।

देश हैं अपना शिक्षा उनकी,पुलिस एक्ट सरकारें उनकी,
कर बसूलते सब धारे उनकी,जंगल मे सरकारे उनकी।
ये कैसी कानून व्यवस्था, महिलाओं का मान नही हैं,
पीड़िता यहाँ की दर-दर भटके, न्याय में कोई जान नही।
व्हीलर की दुकानें चल रही, लिट्टन नाम की सड़कें बन रही,
डलहौजी ने नगर बसा ली, कैसी ये आजादी पा ली।
अंग्रेजी को आदर्श बना ली, तथाकथित आजादी पा ली।

दशकों तक गुमराह किया, सच्चा इतिहास बताने दो।
जो तब थे सत्ता के लालची, सामने उनकों लाने दो
तन था हिन्दी मन विलायती, काले अंग्रेज कहलाने दो।
सत्ता के थे इतने लालची, निम्न स्तर तक जाने को।
गोरों से सौदा कर डाला, बस ईस्ट इंडिया को जाने दो।
बांकी सारी गोरों की कंपनी,भारत में बस जाने दो।
भारत मे अबकी पहली क्रांति,युवा जागरण आने दो।

अंग्रेजी कानून,अंग्रेजी व्यवस्था, उसमें ही घुट जाने दो।
शिक्षा से वंचित कर डाला,न दी आवाज उठाने को।
गोरों जो दे गए वहीं नियम वही है,भारत को लूट जाने दो।
इन सब से हम निपट तो लेंगे, पर ये एहसास हो जाने दो।
देश अभी परतंत्रता हैं अपना, जन-जन को समझाने दो।
मानसिक गुलामी घर कर गई हैं, अपनी व्य्वस्था लाने दो।
भारत मे अबकी पहली क्रांति,युवा जागरण आने दो।
बजा रहे जो चैन की बंशी, उनको हमें जगाने दो।

                                              अनिल कुमार मंडल
                                        लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
                                         संपर्क सूत्र:-9205028055

                                                                      
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