Best hindi poem:- गौ माता
गौ माता
हे!गौ माता इतना वर दे,
की तेरा मैं सम्मान करू।
की तेरा मैं सम्मान करू।
स्वार्थ भरी इस दुनिया में
कभी तेरा न अपमान करू।
कभी तेरा न अपमान करू।
हम मुर्ख अज्ञानी मानव
तुमको समझ न पाते है।
तुमको समझ न पाते है।
दुध,मलाई, मेवा छोड़
असीम कृपा हम पाते हैं।
असीम कृपा हम पाते हैं।
जो तेरी महिमा को समझता,
तेरा ही हो जाते हैं।
तेरा ही हो जाते हैं।
तुम इतनी भोली हो माता
सबका तू कल्याण करें।
सबका तू कल्याण करें।
क्या बच्चे,क्या बुढ़े माता,
निर्जन में भी प्राण भरे।
निर्जन में भी प्राण भरे।
हम मानव तेरे बच्चे हैं,
मुझमें भी तो ज्ञान भरो
मुझमें भी तो ज्ञान भरो
हम तेरे चरणों को पखारे,
तेरा ही जयगान करें।
तेरा ही जयगान करें।
हे! गौ माता इतना वर दे,
की तेरा में सम्मान करू।
की तेरा में सम्मान करू।
स्वार्थ भरी इस दुनिया में
कभी तेरा न अपमान करू।
कभी तेरा न अपमान करू।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
संपर्क'सूत्र:-9205028055
जय हो माता जय गौ माता
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