Best patriotic poem- सिली माचिस
सिली माचिस
सिली माचिस पास हमारे,
तम को दूर भगाए कैसे।
गद्दारो की फौज खड़ी हैं,
इसको अब समझाये कैसे।
राह तिमिर का रोका था।
उनपे भी जब पत्थर बरसे,
नम आंखों को भाये कैसे।
सिली माचिस पास हमारे,
तम को दूर भगाये कैसे।
मोदी जी ने राह दिखाई,
धर्मगुरु कुछ एक न सुनते,
धार्मिकता को भुलाये कैसे।
भुखे को रोटी बटवाकर,
हमनें कडीयॉ तोङी थी,
करोना का कहर इधर हैं,
पार उधर हम जाये कैसे।
सिली माचिस पास हमारे,
तम को दूर भगाये कैसे।
न कर में त्रिशूल था कोई,
न था जुबा पे जयकारा ,
आपस में कोरोना बांटे,
जन्नत को हम जाये कैसे।
टीका-टोपी में हम उलझे
मानवता को निभाये कैसे।
चाईना से जो चला तिमिर हैं,
दीपक में लौ लाये कैसे।
सिली माचिस पास हमारे,
तम को दूर भगाये कैसे।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
संपर्क सुत्र:-9205028055
संपर्क सुत्र:-9205028055
Comments
Post a Comment