Best hindi poem:-आँसू
आँसू
1/ भावनाओं का लिये समंदर,
बुंदो में तब्दील हुआ।दुख में जब भी नैन से छलके,
दिल मे चुभता कील हुआ।
सुख में जब ये आँसू बरसे,
जीवन सरस सलिल हुआ।
दो ही समय हैं इस जीवन के,
तीसरा कोई कहे दलील हुआ।
2/ अश्क बनके आंखों से बरसे,
जब मानव जीने को तरसे।
भावनाओं का ये अम्बार,
सुख-दुख हैं इनके श्रृंगार।
लब खामोश पर बोलते नैन,
आशिक सुन होते बेचैन।
नैनों ने छलकाया लोर,
सुरमा होते भाव विभोर।
जहाँ चलते आँसू के वार,
पत्थर दिल की होती हार |
3/ भावनाओं का लिए समंदर निकला जब मैं बीच बाजार,
बेबस,लाचारों के बीच में हँसता दिख गया अत्याचार।
जाति, धर्म में बांटा पहले,तब फिर बांटे हैं जख्म हजार।
गरीब होना ही जुर्म हैं साहब,गला सुख गया भर चित्कार।
चला गया चुनावी मौसम,झूठी हैं ये भी सरकार
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