मेरा भी उद्धार
मेरा भी उद्धार रोटी का जुगाड़ करा के कर दो मेरा भी उद्धार । बेकारी बढ़ती ही जा रही कैसे होगा बेड़ा पार । बड़ा नहीं हम मांगे साहब छोटा सा दे दो रोजगार । जितने में हम जीवित रह सके मानेंगे तेरा उपकार । रोटी का जुगाड़ करा कर दो मेरा भी उद्धार । पढ़ लिख कर हम डिग्री लाए बिन रोटी सारे बेकार। मुझे पढ़ाने के खातिर दादी के बिक गए गहने चार । बापू जो अक्सर कहते थे पढ़ लिख कर बन जा होशियार । उसके सपने बिखर गए जब बेटा बैठा बिन रोजगार । रोटी का जुगाड़ करा कर मेरा भी कर दो उद्धार । हाथ जोड़कर याचना करते सुन लो मेरे तारणहार । अभी तो संख्या इतनी है कि,हो सकता है इस पे विचार। पांच बरस आगे की सोचो,होगा जब रोटी पर रार । दिल्ली फिर दिल्ली ना रहेगी,गुजेगी बस चीख पुकार । रोटी का जुगाड़ करा कर कर दो मेरा भी उद्धार । तुम ना रहोगे कुर्सी लेकर,मैं ना करूंगा कलम से वार । समय वो कैसा निद॔य, होगा चारों ओर हो अत्याचार । इससे कोई कहां बचेगा,भूख से जब होगी तकरार । रोटी का जुगाड़ करा के, कर दो मेरा भी उद्धार । बेकारी बढ़ती ही जा रही,कै...