अश्क़
अश्को के धारो में कई जज़्बात होते हैं।
कभी सौगात होते हैं, कभी आघात होते हैं।
मगर एक अश्क़ ऐसा हैं, जहाँ दो बात होते हैं।
बच्चा जन्म जो लेता हैं, माता के उदर से तो,
जो बच्चा चीख भरता हैं, ख़ुशी दिन रात होते हैं।
मगर अश्को के धारोमें, कई जज़्बात होते हैं।
कभी सौगात होते , कभी आघात होते हैं।
इसके बाद के का जीवन,चाहे कितना भी लंबा हो।
अभी जो बात होती हैं, कभी न बात होते हैं,
की बच्चा रोया करता हैं, माँ की सौगात होती हैं।
उस माँ के आँसू को भला समझेगी दुनिया क्या,
जहां सृष्टि रचना की कला अज्ञात होती हैं।
अश्कों के समंदर में कई जज़्बात होते हैं।
कभी सौगात होते हैं, कभी आघात होते हैं।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
Comments
Post a Comment