पहचान

           पहचान 





धर्म के समर में अपनी पहचान मांगता हूँ।
हे! गौ माता तुझसे एहसान मांगता हूँ। 
हे! मातृभूमि तुझसे एक दान मांगता हूँ। 
जैविक हो मेरा भोजन वो जान मांगता हूँ। 
रसायन मुक्त धरा हो वो प्राण मांगता हूँ। 
चाणक्य गुरु वाला स्वाभिमान मांगता हूँ।
सुभाष बाबू वाला में शान मांगता हूँ। 
वीरों की इस भूमि में ईमान मांगता हूँ ।
हॅस के जो चुमे में फांसी जवान मांगता हूँ। 
देशद्रोही का समर में शमशान मांगता हूँ। 
धर्म को विजय दिला दे वो आन मांगता हूँ। 
पंचभूत हो गई मैली तू मौन क्यों खड़ी है।
अधर्मीयों की जय हो विपदा बहुत बड़ी है।
दिल्ली में लोकतंत्र का अभाव लग रहा है।
स्वर्णिम बनेगा भारत ना दांव लग रहा है।
सत्कर्म करने वाला रोटी को गा रहा है।
पापियों का हर दिशा में अब ताज हो रहा है।
गुदरी में लोकतंत्र है सम्मान मांगता हूँ। 
संसद में शोर ना हो इंसान मांगता हूँ। 
भारत की मिट्टी से मैं भगवान मांगता हूँ। 
एक धर्म युद्ध वाला मैं श्याम मांगता हूँ। 
रावण को जो मिटा दे वो राम मांगता हूँ।
धर्म के समर में अपनी योगदान मांगता हूँ।
बच्चों के मुख से अपनी जयगान  मांगता हूँ।
हे! गौ माता तुझसे एहसान मांगता हूँ। 
हे! मातृभूमि तुझसे एक दान मांगता हूँ।
धर्म के समर में अपनी पहचान मांगता हूँ।

                                   अनिल कुमार मंडल
                              लोको पायलट /गाजियाबाद
                                     9205028055

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