एहसान फरामोश

 शिक्षा से  संस्कार खो गया, 

कहो कहे हैं किस का दोष,

पेट काटकर जिसे पढ़ाया,

 हो गए वो एहसान फरामोश।

बीते दिन को याद करें तो, 

हमको होता है अफसोस।

किसको अपना दुखड़ा गाएं, 

किस पे निकाले अपना रोष।

बात बात पर बेटा कहता,

 बापु तुम बैठो ख़ामोश।

 ईश्वर की सौगात समझकर, 

कर लेते हैं हम संतोष 

पुरखों ने जो की है गलती, 

उन पर आता है आक्रोश। 

गुरुकुल शिक्षा बचा के रखते,

बच्चे हो आदर्श के कोष।

 शिक्षा से संस्कार खो गया,

कहो कहे हैं किस का दोष।

पेट काटकर जिसे पढ़ाया,

हो गए वो एहसान फरामोश।


                     अनिल कुमार मंडल 

                लोको पायलट/गाजियाबाद 

                      9205028055

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