माँ अक्षरा की सेवा
हिन्द देश के वासी हम, हिंदी का मान बढ़ाये।
माँ अक्षरा की सेवा कर,जीवन मे कुछ कर जाये।-२
गोरों की निर्धन अंग्रेजी,हम तो समझ न पाये।
हिन्द देश के वासी हम, हिंदी का मान बढ़ाये।
शब्द तो इसके चोरी के, हमसे क्या ये टकराये।
माँ अक्षरा की सेवा कर,जीवन को सफल बनाये।
खाते जो हिंदी की कमाई, इंग्लिश तान सुनाये।
ऐसे गोरों के पुतो से, हम हिंदी को बचाये।
हिन्द देश के वासी हम, हिंदी का मान बढ़ाये।
माँ अक्षरा की सेवा कर,जीवन को सफल बनाये।
दिनकर, बच्चन बन नहीं सकते, जितना हो कर पाये।
हिंदी का परचम लहरा ,इंग्लिश का जनाजा लाये।
हिन्द देश के वासी हम, हिंदी का मान बढ़ाये
माँ अक्षरा की सेवा कर,जीवन को सफल बनाये।
याद करें हम बचपन अपना, सपने हिंदी में आये।
सपने कैसे पुरे हो जब, पथ में इंग्लिश आये।
हिन्द देश के वासी हम, हिंदी का मान बढ़ाये।
वियर्थ नही ये जीवन बीते, एक इतिहास बनाये।
माँ अक्षरा की सेवा कर,जीवन को सफल बनाये।
हिन्द देश के वासी हम, हिंदी का मान बढ़ाये।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
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