प्रभात लेखन भाग 13
माँ शारदे को नमन🙏🙏🙏🙏🙏उदय कमल साहित्य संगम के मंच को नमन 🙏🙏🙏🙏🙏मंच से जुड़े सभी लोगो को रेल चालक,कवि अनिल कुमार मंडल का सादर प्रणाम🙏🙏🙏🙏🙏
प्रभात लेखन +गायन :-भाग-13
दिनांक-04/10/2020
दिन-रविवार
बरसों पहले कुछ पत्तों पर,
हमनें कुछ लिख डाले थे।
अंग्रेजी की किताबो में ,
रख्खा बहुत संभाले थे।
साथ रहेंगे हम जीवन भर,
कसमें कई निराले थे।
आज सुबह बापु के शब्द में,
दर्द मोहब्बत वाले थे।
हमनें उनसे रिश्ता तोड़ा,
हम भी तो मतवाले थे।
तभी तो सूखे पत्तों को ,
किताबों से आज निकाले थे।
सुबह की पहली चाय न चख्खी,
पहले ये कर डाले थे।
अनिल कुमार मंडल
रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद
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