गाँधी बाबा आ जाओ(कविवाणी )
हे! गाँधी बाबा आ जाओ, हिंदुस्तान जगा जाओ ।
झूठ,फरेब,और बेईमानी के तम को दूर भगा जाओ।
हे! गाँधी बाबा आ जाओ
अंग्रेजी से सजता भारत,हिंदी का दीप जला जाओ।
मंत्री भ्रष्ट हैं,कंत्री भ्रष्ट हैं,उनको राह दिखा जाओ।
हे! गाँधी बाबा आ जाओ ,
पिज्जा बर्गर में जो खोये, दाल रोटी समझा जाओ।
पश्चिम में खोये युवा को, स्वदेशी समझा जाओ।
हे! गाँधी बाबा आ जाओ
गाय बची तो बचेगा भारत,मूर्खों को समझा जाओ।
मानसिक गुलामी में है भारत,ज्ञान का दीप जला जाओ।
हे! गाँधी बाबा आ जाओ
इंडिया से हम बाहर निकले,ऐसा मंत्र सिखा जाओ।
भारत का हम सृजन करेंगे,नूतन पथ दिखला जाओ।
हे! गाँधी बाबा आ जाओ
अनिल कुमार मंडल
रेल चालक /गाजियाबाद
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