संवाद

 गांधी की तस्वीरे टांगे,आजादी की याद में।

सौराष्ट्र से सौदागर आया, देश डुबो दी गाद में।

जुमले का ये बांधे पुलिंदा,करता ये विश्वास से,

देश का कोना-कोना बेचा,कागज से संवाद में।


               अनिल कुमार मंडल

            रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद


2:-

   सौदागर ने देश बेची दी ,कोरोना की आड़ में।

युवाओं के सपने बेचे, बहा दिया हैं बाढ़ में।

हम भी जाने, तुम भी जानो, जानता पुरा देश हैं,

थोड़ा जनता हिम्मत कर ले, जाएंगे ये भांड में।


            अनिल कुमार मंडल

         रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद

Comments

Popular posts from this blog

पुस में नूतन बर्ष

पर्व आज़ादी का

देख तेरे संसार की हालत