शिक्षा संस्कार
सत्ता मोह लंगोट के कच्चे,
उस पर देश पड़ा खामोश,
युवा का संस्कार था बदला,
पश्चिम पाते थे परितोष ।
गोरों की ये नहीं है गलती,
अपनों का था सारा दोष।
जब आई मैकाले शिक्षा,
वहां पर पूर्वज थे खामोश।
अपनी संस्कृति बचा के रखते
वही जताना था आक्रोश।
जब गोरों ने देश ये छोड़ा,
जनता में था अद्भुत जोश।
भारत था तब बांस लचीला,
नर नारी में था संतोष ।
गुरुकुल शिक्षा शुरू कराते।
जनता दे देती धन कोष।
युवा को मिलता नैतिक शिक्षा,
पुनर्जन्म ले आते बोस ।
शिक्षा संग संस्कार भी पलता,
सबकी इच्छा पाए मोक्ष।
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