मेरे बाद

मानवता का मोल हो, विवाद होना चाहिए। 

सत्य क्या असत्य क्या संवाद होनी चाहिए। 

मैंने जो भी लिख दिया है,मेरी भी तो जानिए, 

मैं गलत तो मेरे पर भी दाग होनी चाहिए। 

मैं भी मृतुलोक का ये जानते तो आप हैं।

मैं रहूं या ना रहूं मेरे बाद होनी चाहिए। 

हो सके मैं मंदबुद्धि अल्प ज्ञानी ही सही,

चर्चा मेरी इस बात की दिन-रात होनी चाहिए। 

मैं रहूं या ना रहूं मेरी बात होनी चाहिए। 

मैं अकेला तुम भी तनहा स्वांस ले के जग में आया, 

साथ में क्या जाएगा वो बात होनी चाहिए। 

खाली हथेली बे बसन एक दिव्यता को संग ले,

साथ में कुछ ले चले वह काज होनी चाहिए।

किस्मत को है कोसते जो डर गया है वक्त से,

वक्त को मुट्ठी में कर अंदाज होनी चाहिए। 

इतिहास रचना है अगर तो लक्ष्य अपना साथ ले,

रख नजर उस लक्ष्य पर की बाज होना चाहिए। 

मैं रहूं या ना रहूं मेरे बात होनी चाहिए। 

हम जहां के रंगरलिया में भ्रमित हैं इस कदर,

क्या गलत है क्या सही संवाद होनी चाहिए। 

मौत सच है जग हैं झूठा यह अटल एक सत्य हैं, 

सत्कर्म की गठरी हमारे पास होनी चाहिए।

माया में उलझे हैं ऐसे मौत की ना फिक्र है, 

पंचतत्व की ये काया ज्ञात होनी चाहिए।

मैं रहूं या ना रहूं मेरी बात होनी चाहिए।

सत्य या असत्य क्या संवाद होनी चाहिए 

मानवता का मोल हो विवाद होनी चाहिए।

                    अनिल कुमार मंडल

                  रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद

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