बाबा वैलेंटाइन
वेलेंटाइन बाबा ने देखो, हिन्द से ऐसा ज्ञान लिया।
शादी एक पवित्र हैं बंधन, पश्चिम को भगवान दिया।
कुछ गोरों ने शादी भी की, रिश्तों को सम्मान दिया।
कलाडियस को ये नही जमा था,जिसने ऐसा ठान लिया।
ऐसा रिश्ता ठीक नहीं, उसने बाबा की जान लिया।
बाबा ने जिनका व्याह रचाया,उसने बाबा को मान दिया।
मरण दिवस था बाबा का, वैलेंटाइन डे का नाम दिया।
वो तो पश्चिम वाले थे, जिनको हमनें भगवान दिया।
पर भारत के भ्रामित युवा ने, पश्चिम को सम्मान दिया।
लीव इन रिलेशन वैध हुआ,कानुन ने भी उत्थान दिया।
सत्य से मीलों दुर रहा और, पश्चिम को जयगान दिया
खान, पान, कपड़े अंग्रेजी, भारत का न ध्यान दिया।
विजय हुई अंग्रेजी शिक्षा, गुरुकुल को न मान दिया।
मैकॉले की विजय हो रही, भारत की पहचान गया।
मन में गुलामी बैठ गई, जो गया वो स सम्मान गया।
वैलेंटाइन डे को बाग में देखो, भारत,हिंदुस्तान गया।
अनिल कुमार मंडल
रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद
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