तुम भी साथ निभाओ न

 जब मैं गाऊं गीत मिलन के, तुम भी साथ निभाओ न
 तन्हाई में दिन नहीं कटता, पास मेरे तुम आओ न।
नैन खुली मैं झाड़ू-पोछा, तुम खुद ही जग जाओ न।
सज-धज कर ऑफिस से पहले, मुझको गले लगाओ न।
वक़्त को देखो किसने रोका, हॅस के घड़ी बिताओ न।
जब मैं गाऊ गीत मिलन के, संग में तुम भी गाओ न।
भाग दौड़ की हैं जिंदगानी, दुःख में तुम घबराओ न।
जग हैं माया, नेक कर्म कर,अपना फर्ज निभाओ न।
सुख-दुःख आनी जानी छाया, देख मुझे मुस्काओ न।
जब मैं गाऊं गीत मिलन के, तुम भी साथ निभाओ न।
तन्हाई में दिन नहीं कटता, पास मेरे तुम आओ न।
                      अनिल कुमार मंडल
                    रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद


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