एक दिल

जब मैं तुमको व्याह के लाया,सपने अपने एक हुए।
एक दिल तेरा,एक दिल मेरा, अब दोंनो मिल एक हुए।
देखो मैंने छोड़ दी मदिरा, आदमी हम भी नेक हुए।
पर तेरे जो नैन नशीले, देखें घुटने टेक हुए।
एक दिल तेरा,एक दिल मेरा, अब दोंनो मिल एक हुए।
बाहों में भर लू मैं तुझको, दिल से एक संकेत हुए।
न दिन दिखता,ना ही रातें,हम तो तुमको भेंट हुए।
एक दिल तेरा,एक दिल मेरा, अब दोंनो मिल एक हुए।
जब मैं तुमको व्याह के लाया, सपने अपने एक हुए।
गई जवानी,आया बुढापा,वक़्त के हाथ की रेत हुए।
बच्चों ने धन,दौलत ले ली, हम काले वो स्वेत हुए।
हमनें जो सपने थे संजोए,सपने भी अनिकेत हुए।
एक दिल तेरा,एक दिल मेरा, अब दोंनो मिल एक हुए।

                            अनिल कुमार मंडल 
               

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