शहीद का रक्त

मैं शहीद का रक्त हूँ साथी,मुझसे सभी को प्यार।
ना मैं हिन्दू ना मैं मुस्लिम, धर्म की सीमा पार।
जाति की दीवारें तोड़ के,बना मैं पहरेदार ।
मैं शहीद का रक्त हूँ साथी,मुझसे सभी को प्यार।
मैं भारत की मिट्टी में हूँ,सुन लो मेरी पुकार।
मंत्री, कन्त्री या जनता हो,सब पे मेरा उधार।
मैं शहीद का रक्त हूँ साथी,मुझसे सभी को प्यार।
चौराहे पर मूर्ति बनाकर,मत करना उपकार।
बच्चों मेरी गाथा सुन के ,मत होना बेज़ार।
मैं शहीद का रक्त हूँ साथी,मुझसे सभी को प्यार।
मातृभूमि की रक्षा में,दुश्मन का करो शिकार।
मेरे रक्त जो रहे पिपासु,का कर दो उद्धार।
मेरी गाथा हौसला दे तुझे,करू मैं जयजयकार।
मैं शहीद का रक्त हूँ साथी मुझसे सभी को प्यार।

            अनिल कुमार मंडल
          रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद



Comments

Popular posts from this blog

Best hindi poem -मजदूर

पुस में नूतन बर्ष

देख तेरे संसार की हालत