चीरहरण
हर दिन यहाँ पे सौदा होता, भारत के स्वाभिमान की।
किसी को चिंता कहाँ रही अब, भारत देश महान की।
संविधान का चीरहरण कर, कहते जय श्री राम की।
जय हो मईया जानकी, जय बोलो श्री राम की।
नेता हो या अधिकारी हो, शोषक सभी गैहान की।
जुमले से जनता बहकाते, कीमत नही जुबान की।
अंग्रेजी में सौदा करते, भारत के स्वाभिमान की।
जय हो मईया जानकी, जय बोलो श्री राम की।
चलो युवाओं चुप्पी तोड़ो,मुल्क न बने मसान की।
आदिल भी खामोश पड़े हैं,विजय न हो शैतान की।
पुनः गुलामी घर कर जाए, हार हो मुल्क महान की।
जय हो मईया जानकी, जय बोलो श्री राम की।
आओ हम सब चिंतन कर ले,निर्धन के अहजान की।
आने वाली पीढ़ी न समझे, बुजदिल हिंदुस्तान की।
मेरे कारण बच्चों को भी, घुट मिले अपमान की।
जय हो मईया जानकी, जय बोलो श्री राम की।
संविधान का चीरहरण कर, कहते जय श्री राम की।
जय हो मईया जानकी, जय बोलो श्री राम की।
अनिल कुमार मंडल
लोको पायलट/ग़ाज़ियाबाद
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