संभलो हिन्द के बासी

 हर एक चौक चौराहे पर, 
ऑक्सीजन बिकने वाला हैं।
संभलो हिन्द के बासी संभलो, 
सब कुछ गड़बड़ झाला हैं।
विश्व के सत्ता धारी ने,
भारत में नेता पाला हैं।
कोई पार्टी हो सत्ता में,
कुछ नहीं करने वाला हैं।
संभलो हिन्द के बासी संभलो, 
सब कुछ गड़बड़ झाला हैं।

कोरोना के नाम पे देखों,
देश ये लूटने वाला हैं।
जो इस साजिश को समझेगा,
बस वहीं बचने वाला हैं।
हर एक चौक, चौराहे पर,
ऑक्सीजन बिकने वाला है।
संभलो हिन्द के बासी संभलो, 
सब कुछ गड़बड़ झाला हैं।

गलत टेस्ट हैं,झूठा वैक्सीन,
मौत ये देने वाला हैं।
चेहरे पे पर्दे लगवाकर,
रोग ये देने वाला हैं।
संभलो हिन्द के बासी संभलो, 
सब कुछ गड़बड़ झाला हैं।

लोगों अब सड़कों पे आओ,
फिर कुछ होने वाला हैं।
मीडिया भी सब बिके हुए हैं,
सब के मुख पर ताला हैं।
संभलो हिन्द के बासी संभलो,
सब कुछ गड़बड़ झाला हैं।
हर एक चौक चौराहे पर,
ऑक्सीजन बिकने वाला हैं।

        अनिल कुमार मंडल
      रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद

Comments

Popular posts from this blog

Best hindi poem -मजदूर

पुस में नूतन बर्ष

देख तेरे संसार की हालत