छाया तिमिर घनघोर

छाया तिमिर घनघोर अब शम्मा जलाना चाहिए।
कोरोना के भय को अब,हीय में न लाना चाहिए।
मौत सबको आएगी,फिर जीना क्यों हम छोड़ दे,
इंडिया को अब छोड़कर,भारत में आना चाहिए।
भूखे को रोटी मिले, युवाओं को रोजगार भी,
पुरी व्यवस्था बदलेंगे, बल जोर आना चाहिए।
कोरोना के भय को अब,हीय में न लाना चाहिए।
हैं बधिर कुछ लोग तो उनको जगाना हैं हमें,
बांसुरी, रणभेरिया दोनों सुनाना हैं हमें।
मूक भी चिल्ला उठे वो शोर आना चाहिए।
कोरोना के भय को अब,हीय में न लाना चाहिए।
ये देश तो हारा हमेशा अपने ही गद्दार से,
साख थोड़ी थी बची लुटा वो सत्ता द्वारा से
पहले ऐसे लोगों को बाहर को लाना  चाहिए।
छाया तिमिर घनघोर अब शम्मा जलाना चाहिए।
जंग हो बीमारी से या सामने दुश्मन खड़ा,
या कोई वैरी हो पीछे हाथ में खंजर पड़ा।
जीत अपनी होगी बस धीरज न खोना चाहिए।
कोरोना के भय को अब,हीय में न लाना चाहिए।
छाया तिमिर घनघोर अब शम्मा जलाना चाहिए।

                         अनिल कुमार मंडल
                    रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद

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