लोग भूल जाएंगे

एक हादसा समझ के लोग भूल जाएंगे
जठर की आग में सभी बसूल जाएंगे।
अब कौन पूछेगा की कल हुआ था यहाँ क्या,
जो सवाल करेगा चुभोये शूल जाएंगे।
बस आम आदमी ही परेशान हैं यहाँ,
जो खास है उनके गुनाह धूल जाएंगे।
ना खुदा का खौफ हैं,ना ही इंसानियत बची,
बचाव में उनके सभी रसूल जाएंगे।
हर साम,दाम से यहाँ कातिल ही बचेंगे,
कट जाएंगे पीपल रखें बबूल जाएंगे।
एक हादसा समझ के लोग भूल जाएंगे।
जठर की आग में सभी बसूल जाएंगे।

                   अनिल कुमार मंडल
                रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद

जुर्म यहाँ पर बुरा नहीं खामोशी मौत का कारण हैं।
भारत के बच्चे-बच्चे ने कर लिया इसको धारण हैं।
सबको हैं उम्मीद यहाँ पर कोई उसे बचायेगा,
कल तक जो थे जीवन दाता मौत उसी के कारण हैं।
                                 अनिल कुमार मंडल
                             रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद

राजनीति में जुल जब से आम हो गया,
कुर्सी पे बैठा लोग बेलगाम हो गया।
कोई नही सुनता हैं यहाँ आम लोग की,
विकास का चक्का इसी में जाम हो गया।
                          अनिल कुमार मंडल
                        रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद



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