तेरे दुःख हर लेंगे राम
निर्धन का दुःख हरने वाले,तेरे दुःख हर लेंगे राम।
राम लल्ला है सब दुःख हर्ता,पहुँचाये बैकुंठ के धाम।
सत्य सनातन धर्म हैं कहता,कर बंदे नेकी का काम।
निर्धन का दुःख हरने वाले,तेरे दुःख हर लेंगे राम।
ये मानव तन पाया हमनें, सब जीवों में ये हैं ललाम।
निर्धन का दुःख हरने वाले,तेरे दुःख हर लेंगे राम।
प्यासे को पानी पिलवाओ,भूखे को रोटी का पान।
सद्गुण हो व्यवहार हमारा,सब का कर ले हम सम्मान।
निर्धन का दुःख हरने वाले,तेरे दुःख हर लेंगे राम।
छल प्रपंच से दूर रहे हम,ईश्वर का भी कर ले ध्यान।
भटके हैं जो राही बाट से,दे प्रभु थोड़ा उनको ज्ञान।
निर्धन का दुःख हरने वाले,तेरे दुःख हर लेंगे राम।
अनिल कुमार मंडल
रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद
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