जीवन क्या हैं
हमनें तो बस इतना जाना,
जीवन क्या हैं एक फसाना।
सबको पढ़ने से बेहतर हैं,
ख़ुद अपना इतिहास बनाना।
हमनें तो बस इतना जाना,
जीवन क्या हैं एक फसाना।
प्यार हमारा,हमको मिले तो,
पा जाये हम एक खजाना।
सबको पढ़ने से बेहतर हैं,
ख़ुद अपना इतिहास बनाना।
तुम रूठी तो,रब हैं रूठा,
यार मना लू दे नज़राना।
हमनें तो बस इतना जाना,
जीवन क्या हैं एक फसाना।
फिर चाहे तो,मौत आ जाए,
बिन तेरे हैं खाख जमाना।
सबको पढ़ने से बेहतर हैं,
ख़ुद अपना इतिहास बनाना।
सुख दुःख दोनों जीवन रस हैं,
एक भाव से पढ़,ले तराना।
हमनें तो बस इतना जाना,
जीवन क्या हैं एक फसाना।
मेरा तो बस काम हैं साथी,
सबको सच्ची राह दिखाना।
सबको पढ़ने से बेहतर हैं,
ख़ुद अपना इतिहास बनाना।
हमनें तो बस इतना जाना,
जीवन क्या हैं एक फसाना।
अनिल कुमार मंडल
रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद
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