देश की जाती शान बचा लो

हे। भारत के वीर जगो तुम,
देश की जाती शान बचा लो।
लहु से जिसने सींची धरती,
उसकी तुम पहचान बचा लो
मरते-मरते कहा था उसने,
स्वदेशी है जान बचा लो।
पश्चिम से तुम रिश्ता तोड़ो,
खो रहे जो सम्मान बचा लो।
हे।भारत के वीर जगो तुम, 
देश की जाती शान बचा लो।
अंग्रेजी तुम गिटपिट छोड़ो, 
सरल हिन्दी से नाता जोड़ो।
छोड़ दो खाना पिज़्जा,बर्गर,
स्वदेशी हो जाये घर घर।
शुद्ध शस्य जो खाओगे तुम,
पाओगे इस तन का लक्ष्य तुम।
जाहिरात से भ्रामित न हो तुम,
सत्य सनातन ज्ञान बचा लो।
हे।भारत के वीर जगो तुम, 
देश की जाती शान बचा लो।
चिरंतन इतिहास हैं अपना, 
टूटे न वीरों का सपना।
वेशभूषा अंग्रेजी त्यागो, 
गौ माता की जान बचा लो।
गाय बची तो बचेगा भारत, 
वैदिक हिंदुस्तान बचा लो।
हे।भारत के वीर जगो तुम,
देश की तुम पहचान बचा लो।
जड़ सबकी मैकॉले शिक्षा, 
हमसे कहती माँगे भिक्षा।
गुरुकुल जब तक रहा देश में,
विश्व गुरु हम नहीं क्लेश में।
वही व्यवस्था गुरूकुल वाली, 
ला कर तुम जयगान बचा लो।
हे।भारत के वीर जगो तुम,
देश की जाती आन बचा लो।
                     अनिल कुमार मंडल
                रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद

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