सबसे बड़ा हैं झूठ
सबसे बड़ा हैं झूठ जगत का,हमको मिली आजादी हैं।
सच-सच क्यो नहीं कहते साहब,देश की ये बर्बादी है।
गोरों के दिये बहुविधान से, लूट अभी तक जारी हैं।
सत्ता का जब लेन-देन हुआ, लग गई नई बिमारी हैं।
पहले गोरे-गोरे लुटेरे, ज्यादातर अब खादी है।
सच-सच क्यो नही कहते साहब,देश की ये बर्बादी हैं।
सबसे बड़ा हैं झूठ जगत का,हमको मिली आजादी हैं।
आधी रात का समझौता ,गोरों ने दिया स्वराज था।
सत्ता के भूखे लोगों ने, पाया अपना राज था।
गोरों की सब शर्तें मान के,अब तक हारी बाजी हैं।
सबसे बड़ा हैं झूठ जगत का,हमको मिली आजादी हैं।
सच-सच क्यो नही कहते साहब देश की ये बर्बादी हैं।
अनिल कुमार मंडल
रेल चालक/ग़ाज़ियाबाद
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