Posts

Showing posts from October, 2021

जागो हिंद के वासी

हर घर हैं मानसिक गुलामी,इससे कैसे निकला जाए जागो हिंद के वासी जागो,इसका कोई करो उपाय।  मैकाले की शिक्षानीति,दिया हैं इसका चलन बढाय,  चिरंतन इतिहास हमारा,पर दुनिया अब आँख दिखाय।  फिरंगी छलिये थे आये,भारत में गये लूट मचाये।  हमने दी थी जग को शिक्षा,चाल फिरंगी समझ न पाये जागो हिंद के वासी जागो,इसका कोई करो उपाय।  अपने पुरखे वेद,सनातन,अतिथियों को गले लगाय।  फिर उनकी काली करनी को,क्षमादान कर खुशियाँ पाए।  पुरखो की दो यही कमजोरी,गारो का दिया दास बनाय।  गये अंग्रेज न गई अंग्रेजी,निति अपनी गया बनाया।  शर्ते पर दी हमें आज़ादी,जो गोरो के मन को भाये।  सत्ता के भूखे लोगों से,समझौता गोरे कर आये।  समझौता था आधी रात का,तथाकथित आज़ादी पाये।  एक कंपनी गई देश से,सेकड़ो ने लिया पेठ जामय।  फूट डालकर शासन कर गये,धंधा अपना लिया जमाय।  जागो हिंद के वासी जागो,इसका कोई करो उपाय।  हर घर हैं मानसिक गुलामी,इससे कैसे निकला जाय।  थोड़ा जो स्वाभिमान बचा था,मीडिया ने दिया उसे भुनाय जाहिरात झूठे दिखलाकर,धंधा अपना खूब बढाय।  सोने की चिड...

देश ये बिकने वाला हैं

शुरू करे एक समर देश में,देश ये बिकने वाला हैं।  जहाँ देखिये वही शहर में,हो रहा जलियावाला हैं।  युवाओं पर लाठी चलती,देश का जो रखवाला हैं।  बच्चों को शिक्षा नहीं मिलती,विद्यालय पर ताला हैं। सड़क पे हलधर रौंदे जाते, रोटी जो लाने वाला हैं।  शुरु करें एक समर देश में,देश ये बिकने वाला हैं।  महिलाएं भी नहीं सुरक्षित,मुंसिफ का मन काला हैं।  बचा खुछा शकुनि का पाशा,नाश कराने वाला हैं।  हरेक हाथ में दे दिया पाशा,डाटा जियो वाला हैं।  फिर ऐसे मैं युवा दुर्योधन,जैसा ही मतवाला हैं।  शुरु करे एक समर देश में,देश ये बिकने वाला हैं।  गाड़ी अपनी लंदन वाली,जिसमें ईंधन काला हैं।  हमको गुलामी में ये रखे,न्याय न मिलने वाला हैं।  चाहे कितनों चालक बदलो,देश न बढ़ने वाला हैं।  संपूर्ण व्यवस्था हो परिवर्तन,फिर कुछ होने वाला हैं।  शुरु करे एक समर देश में,देश ये बिकने वाला हैं।  मोदी,योगी सभी विवश हैं,विश्व व्यापी घोटाला हैं।  कुछ शर्तो पर मिली आजादी,जिसने ये कर डाला हैं।  गोरों की बड़ी लंबी साजिश,खंड खंड कर डाला हैं। शुरू करें एक सम...