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Showing posts from November, 2021

गीत आज़ादी का

शिक्षा हुई मैकाले वाली,  मनोरंजन बर्बादी का।   ऐसे भारत देश में कैसे,   गाये गीत आजादी का।  भाषा हो गई इंग्लिश,विंग्लिश  भूषा रहा न खादी का।   खान पान हुआ पिज्जा,बर्गर  नुक्सा बचा न दादी का।   रीत- रिवाज भी बदल गये,   आनंद कहाँ अब शादी का।   ऐसे भारत देश में कैसे,   गाये गीत आज़ादी का।   सुबह न मिलती राग भैरवी,   शाम न किस्सा दादी का।   बहु,बेटी पे नशा चढ़ा हैं,   फिरंगी शहजादी का।   फटी जीन्स में युवा थिरकते,  ज्ञान बाटते गांधी का,  माता,पिता को चिथड़े न दे बाँटे कंब्बल चाँदी का  पंचभुत सब मैली हो गई   बुरा हाल हैं वादी का।   ऐसे भारत देश में कैसे,   गाये गीत आज़ादी का।              अनिल कुमार मंडल

कैसे देंगे आशीर्वाद

राजीव दीक्षित उन युवा को, कैसे देंगे आशीर्वाद,   आठ बजे वो बिस्तर छोड़े, बन रहे देखो राजीववाद।   दातून छोड़ ब्रश से करते, अपने दातो का उपचार,   किमकर्तव्यविमूढ ये रहते, बदल नहीं पाते हैं विचार।   राजीव भाई उन युवा को, सदबुद्धि दे करे सुधार।   पिज्जा,बर्गेर,छोड़ न पाते , बन रहे देखो राजीववाद।   राजीव दीक्षित उन युवा को, कैसे देंगे आशीर्वाद।   वही विदेशी एसिड पी के, कर रहे हैं जीवन बर्बाद,   खड़े खड़े पिये RO बोतल, अंग्रेजी में करे विवाद।   फटी जीन्स कंपनी विदेशी, इंग्लिस धुन में करते नाद।   दस लोगो के बीच खड़े हो हाके डिंग करे संवाद  स्वदेशी की माला जपते, विदेशी को करे आबाद  गौ माता का मान न करते, झूठे ऐसे राजीववाद  राजीव दीक्षित उन युवा को, कैसे देंगे आशीर्वाद,                           कवि:- अनिल कुमार मंडल

राजीव दीक्षित एक विचार

राजीव दीक्षित नाम न कोई,ये हैं एक विचार जी  उनकी बात का अमल करें,नूतन भारत तैयार जी  जिनकी वाणी दूर करे हैं युवाओं का विकार जी  जीवन का उद्देश बता गए,जीने का दिये सार जी  मानव जीवन कहते किसको,इसका क्या श्रृंगार जी  राजीव दीक्षित नाम न कोई,ये थे एक अवतार जी  स्वदेशी के प्रखर प्रवक्ता,ज्ञान के थे भंडार जी।  गौ माता की सेवा कर,हिंदी का किये प्रचार जी  कई विदेशी,बहुराष्ट्रीय का,कर गये ये संहार जी  राजीव दीक्षित नाम न कोई,ये हैं एक विचार जी  घर की रसोई से कर डाले,रोगो का उपचार जी  पंचगव्य की महिमा को माने सारा संसार जी  गौरवमय इतिहास देश का समझा गए विस्तार जी  राजीव दीक्षित नाम न कोई,ये हैं एक विचार जी  राजीव जी बैकुंठ गए पर,हृदय के छेड़े तार जी  इनके बात का अमल करे,नूतन भारत तैयार जी  दशो दिशाये में फिर गूंजे,हिन्द की जय जयकार जी  उनकी बात का अमल करे, नूतन भारत तैयार जी २                                 कवि:-अनिल कुमार मंडल...