राजीव दीक्षित एक विचार
राजीव दीक्षित नाम न कोई,ये हैं एक विचार जी
उनकी बात का अमल करें,नूतन भारत तैयार जी
जिनकी वाणी दूर करे हैं युवाओं का विकार जी
जीवन का उद्देश बता गए,जीने का दिये सार जी
मानव जीवन कहते किसको,इसका क्या श्रृंगार जी
राजीव दीक्षित नाम न कोई,ये थे एक अवतार जी
स्वदेशी के प्रखर प्रवक्ता,ज्ञान के थे भंडार जी।
गौ माता की सेवा कर,हिंदी का किये प्रचार जी
कई विदेशी,बहुराष्ट्रीय का,कर गये ये संहार जी
राजीव दीक्षित नाम न कोई,ये हैं एक विचार जी
घर की रसोई से कर डाले,रोगो का उपचार जी
पंचगव्य की महिमा को माने सारा संसार जी
गौरवमय इतिहास देश का समझा गए विस्तार जी
राजीव दीक्षित नाम न कोई,ये हैं एक विचार जी
राजीव जी बैकुंठ गए पर,हृदय के छेड़े तार जी
इनके बात का अमल करे,नूतन भारत तैयार जी
दशो दिशाये में फिर गूंजे,हिन्द की जय जयकार जी
उनकी बात का अमल करे, नूतन भारत तैयार जी २
कवि:-अनिल कुमार मंडल
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